उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के तिलियानी गांव के तीन साल के छोटू को वर्ष 2010 में मरे मनोज के जीवन से जुड़ी सभी बातें याद हैं। उसने पूर्व जन्म के माता-पिता और रिश्तेदारों को पहचाना हैं।
विज्ञान पुनर्जन्म को भले ही मान्यता न दे लेकिन गांव के लोग इसे सच मान रहे हैं। फिलहाल ‘दोनों जन्मों’ के मां-बाप का दुलार छोटू को मिल रहा है।
करहल क्षेत्र के गांव तिलियानी में वर्ष 2010 में क्वार माह की अष्टमी के दिन सत्यभान सिंह यादव के पुत्र मनोज (8) को बिच्छू ने काट लिया था।
मनोज को मिनी पीजीआई सैफई में भर्ती कराया गया। इसी दिन तिलियानी के ही राजू की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर मिनी पीजीआई में भर्ती कराया गया।
यह संयोग ही था कि रात को 10:40 बजे मनोज की मौत हुई और लगभग 11 बजे राजू की पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम छोटू रखा।
परिवार वालों का कहना है कि छोटू जब ढाई साल का हुआ तो वह मनोज के पिता सत्यभान को पापा कहकर बुलाने लगा।
सत्यभान का दावा है कि छोटू ने ऐसी कई बातें बताई हैं जो मनोज या उसके घर वाले ही जानते थे। अब पुनर्जन्म को मानते हुए छोटू को सत्यभान और उसका परिवार मनोज की तरह प्यार करते हैं।
छोटू के मां-बाप को इससे कोई ऐतराज नहीं हैं। उनका कहना है कि छोटू को दो-दो मां-बाप का प्यार मिल रहा है। इस बारे में एसएन मेडिकल कालेज के मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. विशाल सिन्हा का कहना है कि साइंस और मनोविज्ञान पिछले जन्म में विश्वास नहीं करता।
विज्ञान पुनर्जन्म को भले ही मान्यता न दे लेकिन गांव के लोग इसे सच मान रहे हैं। फिलहाल ‘दोनों जन्मों’ के मां-बाप का दुलार छोटू को मिल रहा है।
करहल क्षेत्र के गांव तिलियानी में वर्ष 2010 में क्वार माह की अष्टमी के दिन सत्यभान सिंह यादव के पुत्र मनोज (8) को बिच्छू ने काट लिया था।
मनोज को मिनी पीजीआई सैफई में भर्ती कराया गया। इसी दिन तिलियानी के ही राजू की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर मिनी पीजीआई में भर्ती कराया गया।
यह संयोग ही था कि रात को 10:40 बजे मनोज की मौत हुई और लगभग 11 बजे राजू की पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम छोटू रखा।
परिवार वालों का कहना है कि छोटू जब ढाई साल का हुआ तो वह मनोज के पिता सत्यभान को पापा कहकर बुलाने लगा।
सत्यभान का दावा है कि छोटू ने ऐसी कई बातें बताई हैं जो मनोज या उसके घर वाले ही जानते थे। अब पुनर्जन्म को मानते हुए छोटू को सत्यभान और उसका परिवार मनोज की तरह प्यार करते हैं।
छोटू के मां-बाप को इससे कोई ऐतराज नहीं हैं। उनका कहना है कि छोटू को दो-दो मां-बाप का प्यार मिल रहा है। इस बारे में एसएन मेडिकल कालेज के मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. विशाल सिन्हा का कहना है कि साइंस और मनोविज्ञान पिछले जन्म में विश्वास नहीं करता।
http://www.amarujala.com/news/omg/rebirth-after-twenty-minutes/
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